9 मई 2017
भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) – समयसीमा में विस्तार
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्णय लिया है कि बीबीपीएस के वर्तमान दायरें के अंतर्गत बिलिंग कारोबार करने वाली संस्थाओं के लिए प्राधिकृत बीबीपीओयू का एजेंट बनने या बिल भुगतान कारोबार से बाहर निकलने के लिए अंतिम तारीख 31 मई 2017 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2017 की जाए। यह समयसीमा निम्नलिखित संस्थाओं पर लागू है,
जिन्होंने बीबीपीओयू के रूप में प्राधिकार हेतु आवेदन नहीं किया या
बीबीपीओयू के लिए जिनका आवेदन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वापस लौटा दिया गया या
जिनके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समयावधि बढ़ाई गई किंतु जो 31 दिसंबर 2016 तक अपेक्षित मालियत हासिल कर रिपोर्ट नहीं कर सकी।
2. समयावधि में यह विस्तार विभिन्न संस्थाओं द्वारा अंतिम तारीख तक कार्य पूरा करने में व्यक्त कठिनाइयों को देखते हुए किया गया है।
3. बीबीपीएस के क्षेत्र में विकास, वृद्धि और विस्तार के आधार पर रिज़र्व बैंक भविष्य की किसी तारीख पर नए आवेदन आमंत्रित करके बीबीपीओयू के रूप में कार्य करने के लिए अनुमोदन/प्राधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया को पुनः चालू करने पर विचार कर सकता है।
पृष्ठभूमि
यह स्मरण होगा कि 28 नवंबर 2014 के बीबीपीएस के कार्यान्वयन के दिशानिर्देशों के अनुसार, बीबीपीएस के वर्तमान दायरे में कवर किए गए बिल भुगतान कार्यकलापों में लगे बैंक और गैर-बैंक संस्थाएं भारत बिल भुगतान परिचालन इकाई (बीबीपीओयू) या प्राधिकृत बीबीपीओयू के एजेंट के रूप में बीबीपीएस में भागीदारी कर सकती हैं।
अजीत प्रसाद सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/3031
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