23 जून 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना में संशोधन कियाः
दुर्विक्रय और मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतें शामिल
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 के दायरे को व्यापक बनाया जिससे कि अन्य बातों के साथ-साथ बैंकों द्वारा बीमा/म्यूच्युअल फंड/अन्य थर्थ पार्टी निवेश उत्पादों की बिक्री से उत्पन्न होने वाली कमियों शामिल किया जा सके। संशोधित योजना के अंतर्गत ग्राहक भारत में मोबाइल बैंकिंग/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग सेवाओं के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुदेशों का पालन नहीं करने पर बैंकों के विरूद्ध शिकायत दर्ज कर सकेगा।
अवार्ड पास करने के लिए बैंकिंग लोकपाल के धन-संबंधी अधिकारक्षेत्र को मौजूदा एक मिलियन रुपए से बढ़ाकर दो मिलियन रुपए किया गया है। समय की हानि, वहन किए गए खर्च, उत्पीड़न और शिकायतकर्ता द्वारा झेली गई मानसिक पीड़ा के लिए बैंकिंग लोकपाल द्वारा शिकायतकर्ता को ₹ 1,00000 तक की क्षतिपूर्ति भी की जा सकती है।
इस योजना के अंतर्गत करार द्वारा निपटान की गई शिकायतों की प्रक्रिया को भी संशोधित योजना में संशोधित किया गया है। अस्वीकरण के मामले में मौजूदा योजना में संबंधित खंड 13(सी) के अंतर्गत बंद की गई शिकायतों के लिए अब अपील की अनुमति दी गई है जो पहले उपलब्ध नहीं थी।
रिज़र्व बैंक ने 16 जून 2017 को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें बैंकिंग लोकपाल योजना को संशोधित किया गया है। संशोधित योजना 1 जुलाई 2017 से प्रभावी होगी। संशोधित रिज़र्व बैंक की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/commonman/Hindi/scripts/againstbank.aspx पर उपलब्ध है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/3473 |