30 अगस्त 2016
भारत बिल भुगतान प्रणाली परिचालनकर्ता इकाई (बीबीपीओयू) के रूप में परिचालन के लिए प्राधिकार
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूचित किया है कि बीबीपीओयू के रूप में परिचालित होने के लिए प्राधिकार हेतु बैंकों और गैर-बैंक संस्थाओं से प्राप्त आवेदनों को प्रोसेस किया गया और अनुमोदन का निर्णय अथवा निवल मालियत प्राप्त करने के लिए 31 दिसंबर 2016 तक प्रदत्त समय में वृद्धि अथवा आवेदन वापसी,जो भी लागू हो, की सूचना इन संस्थाओं को दी गई है।
गैर-बैंक संस्थाएं जिनके आवेदन, आवेदन के समय पर एक वर्ष के डोमेन के अनुभव के अभाव में वापस लौटाए गए थे,को इन पात्रता मानदंडों को पूर्ण करने के लिए 31 दिसंबर 2016 तक समय में वृद्धि प्रदान की जाएगी बशर्तें आवेदन के समय पर उन्होंने बिलिंग कारोबार की शुरूआत की हो।
बीबीपीएस के विद्यमान दायरे में बिलिंग कारोबार कर रही संस्थाओं को चाहिए कि वे 31 मई 2016 तक प्राधिकृत बीबीपीओयू का एजेंट बनें या भारत बिल भुगतान प्रणाली परिचालनकर्ता इकाई (बीबीपीओयू) के अंतर्गत शामिल बिल भुगतान कारोबार से बाहर हो जाएं अगर
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बीबीपीओयू के रूप में प्राधिकार हेतु उन्होंने आवेदन न किया हो,
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बीबीपीओयू के लिए उनका आवेदन भारतीय रिज़र्व बैंक ने वापस लौटाया हो, अथवा
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जहां भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय में वृद्धि प्रदान की हो, पर 31 दिसंबर 2016 तक आवश्यक निवल मालियत प्राप्त करने में और उसकी रिपोर्ट करने में वे असमर्थ हों।
वे संस्थाएं जो उपरोल्लिखित अपेक्षाओं को पूरा करने में असफल रहीं हों, वे भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के अंतर्गत कार्रवाई के लिए पात्र हो जाएंगी।
बीबीपीएस के परिचालन की शुरूआत के बाद और प्राप्त अनुभव के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक बीबीपीओयू के रूप में प्राधिकार हेतु नए आवेदनों की और पात्रता मानदंडों और भुगतान के लिए शामिल किए गए बिलों के प्रकारों के लिए डोमेन अनुभव के दायरे को विस्तृत करने की आवश्यकता की समीक्षा करेगा।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/536
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