24 नवंबर 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एनपीसीआई को भारत बिल भुगतान प्रणालियों (बीबीपीएस)
के लिए केंद्रीय इकाई के रूप में कार्य करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन दिया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को बीबीपीएस में भारत बिल भुगतान की केंद्रीय इकाई (बीबीपीसीयू) के रूप में कार्य करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान करने का आज निर्णय लिया है।
भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) जो एक एकीकृत बिल भुगतान प्रणाली है, वह एकल ब्रांड छवि के रूप में देशभर में बिल भुगतान प्रणाली के परिचालन के लिए एक त्रिस्तरीय संरचना के रूप में कार्य करेगी जिसमें ग्राहकों को कभी भी, कहीं भी बिल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। केंद्रीय इकाई के रूप में एनपीसीआई पूरी प्रणाली और इसके सहभागियों हेतु आवश्यक परिचालनात्मक, तकनीकी और कारोबारी मानक निर्धारित करेगा तथा समाशोधन और निपटान कार्यकलाप भी शुरू करेगा। बीबीपीएस के वर्तमान दायरे में बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन और डीटीएच जैसे यूटिलिटी बिल भुगतान शामिल होंगे। अनुभव के आधार इसका विस्तार कर इसमें भविष्य में विद्यालय/विश्वविद्यालय शुल्क, नगरपालिका कर आदि जैसे अन्य बारंबार भुगतानों को शामिल किया जाएगा।
परिचालन इकाइयां संस्थाओं के रूप में कार्य करेंगी जो बिलों के संग्रह/बारंबार भुगतानों की सुविधा देंगी। रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकों/बैंकों से परिचालन इकाई के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकार/अनुमोदन हेतु आवेदन आमंत्रित किए थे। ऐसे आवेदन/अनुमोदन अनुरोध प्राप्त करने की अंतिम तारीख 20 नवंबर 2015 थी। इसे बढ़ाकर 18 दिसंबर 2015 कर दिया गया।
20 नवंबर 2015 को कारोबार की समाप्ति पर रिज़र्व बैंक को गैर-बैंक संस्थाओं से 12 आवेदन और बीबीपीओयू के रूप में कार्य करने के लिए बैंकों से 18 अनुरोध प्राप्त हुए हैं। रिज़र्व बैंक परिचालन इकाइयों के रूप में प्राधिकार/अनुमोदन के लिए शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015 को कारोबार की समाप्ति तक और आवेदन प्राप्त करता रहेगा।
यह स्मरण होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) स्थापित करने के लिए 28 नवंबर 2014 के परिपत्र के तहत दिशानिर्देश जारी किए थे जिनमें यह संकेत दिया गया था कि एनपीसीआई बीबीपीसीयू के रूप में कार्य करेगा और बीबीपीएस के अंतर्गत बहु भारत बिल भुगतान परिचालन इकाई-बीबीपीओयू (परिचालन इकाई) हो सकती हैं।
अनिरूद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/1234
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