भारतीय रिज़र्व बैंक ने करेंसी नोट मुद्रण में गुणवत्ता नियंत्रण उपायों पर स्पष्टीकरण दिया |
11 अगस्त 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने करेंसी नोट मुद्रण में गुणवत्ता नियंत्रण उपायों पर स्पष्टीकरण दिया
भारतीय बैंकनोटों के उत्पादन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और प्रणाली वैश्विक रूप से अपनाई गई सर्वोत्तम पद्धतियों के समान है। इसके अनुरूप, बैंकनोट की गुणवत्ता को आकार, डिज़ाइन के प्लेसमेंट, मुद्रण विशेषताओं आदि के लिए विभिन्न सहनशीलता पैरामीटरों के अंदर अनुरक्षित किया जाता है। करेंसी मुद्रण प्रेसों में आधुनिक मशीनरी लगी हुई हैं, मानक प्रणालियां हैं और तकनीकी रूप से योग्य कर्मचारी हैं जिनके माध्यम से गुणवत्ता नियंत्रण बैंकनोट उत्पादन के हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाता है। उच्च स्पीड पर प्रत्येक नोट का निरीक्षण करने के लिए एकीकृत प्रणालियां हैं। ये प्रणालियां नोटों की सुरक्षा विशेषताओं और मुद्रण गुणवत्ता का वैधीकरण करती हैं। उत्पाद गुणवत्ता के अंतिम स्तर पर निरीक्षण करने के लिए सख्त गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं में ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रणालियां शामिल हैं। विशेषीकृत पेपर और स्याही परीक्षण सुविधाओं वाली प्रयोगशालाएं प्रेसों में उपलब्ध हैं जो विशेषताओं संबंधी पैरामीटरों का सत्यापन करती हैं।
नोट की कतिपय विशेषताओं के लिए निर्धारित मानक सहनशीलता सीमाएं हैं जैसे सुरक्षा धागा की चौड़ाई, वाटरमार्क और सुरक्षा धागे के विस्तार तथा कटाई से संबंधित सटीकता। भारतीय रिज़र्व बैंक को स्वीकृत सहनशीलता स्तर से परे की विशेषताओं के साथ बैंकनोटों पर आम जनता से बहुत कम शिकायतें मिलती है। ऐसे दुर्लभ मामलों जिनमें प्रत्येक ऐसे नोट की जांच की जाती है और सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं, यदि आवश्यक हो, के निपटान के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया हैं।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/433 |
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