10 अक्टूबर 2017
रिज़र्व बैंक ने दी नीड्स ऑफ लाइफ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47 ए(1) (बी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और संबंधियों को ऋण और अग्रिम देने पर भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों / निदेशों का उल्ल्घंन करने, अरक्षित ओवरड्राफ्ट सुविधाओं और बैंक द्वारा दिए गए दान के लिए मंजूरी लेकर, चुकता पूंजी के 5% की व्यक्तिगत हिस्सेदारी की सीमा का उल्लंघन, अचल संपत्ति,वाणिज्यिक वास्तविक संपत्ति और आवास ऋण के प्रति निर्धारित ऋण सीमाओं का उल्लंघन,10% की बकाया अरक्षित ऋण सीमा का उल्लंघन, ₹ 2.00 लाख की व्यक्तिगत अरक्षित ऋण सीमा का उल्लंघन करने और जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष के लिए धन प्रेषित न करने पर दी नीड्स ऑफ लाइफ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर ₹ 1.00 लाख (रुपये एक लाख मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में बैंक ने लिखित उत्तर प्रस्तुत किया था। बैंक 04 सितंबर, 2017 को व्यक्तिगत सुनवाई में भाग लेने में असफल रहा। मामले के तथ्यों और इस मामले में बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उल्लंघन प्रमाणित हुए है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/981 |