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Date: 12/10/2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स रेलीगेर फिन्‍वेस्‍ट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

12 अक्‍तूबर 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स रेलीगेर फिन्‍वेस्‍ट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स रेलीगेर फिन्‍वेस्‍ट लिमिटेड (दी कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले विभिन्‍न निदेशों/आदेशों के उल्‍लंघन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा 5(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1) की उप-धारा (बी) के अंतर्गत 20 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है।

पृष्‍ठभूमि

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एन के अंतर्गत सितंबर-अक्टूबर 2015 के दौरान कंपनी का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान, यह पाया गया कि कंपनी अन्‍य बातों के साथ-साथ असाइनमेंट लेनदेन के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विभिन्न निर्देशों / आदेशों का पालन करने में असफल रही है। दंड लगाने के उद्देश्य के लिए कंपनी को 7 नवंबर 2016 को ‘कारण बताओ नोटिस’ (एससीएन) जारी किया गया था। इस ‘कारण बताओ नोटिस’ के लिए कंपनी द्वारा दिया गया उत्‍तर संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58जी की उप-धारा (2) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के लिए 10 जुलाई 2017 को वैयक्तिक सुनवाई आयोजित की गई। उक्‍त मामले के तथ्‍यों, कंपनी के उत्‍तर और सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्‍तुत की गई दलीलों आदि पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्‍कर्ष पर पहुंचा है कि निरीक्षण के दौरान पाए गए उल्‍लंघन सिद्ध हुए हैं और इस कारण से उक्‍त कंपनी पर मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है। तदनुसार, उक्‍त कंपनी पर 20 लाख का दंड लगाया गया है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1014

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

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