13 दिसंबर 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडसइंडबैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 12 दिसंबर 2017 को आय मान्यता परिसंपत्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) नियमों पर आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन न करने और गैर-निधि आधारित (एनएफबी) सुविधाओं से संबंधित नियामक प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर इंडसइंड बैंक लिमिटेड (बैंक) पर ₹ 30 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी कुछ निदेशों/ दिशानिर्देश का बैंक द्वारा अनुपालन न करने पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 46(4)(आई) के साथ पठित खंड 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका बैंक द्वारा उसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय का इरादा नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2016 को वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया था, निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अन्य बातों के साथ साथ, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के मूल्यांकन और एनएफबी सुविधाओं को प्रदान करने में आरबीआई द्वारा जारी किए गए विभिन्न विनियमों का उल्लंघन किया गया। निरीक्षण रिपोर्ट और अन्य संबंधित दस्तावेजों के आधार पर, 10 अगस्त 2017 को बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था, उन्हें सूचित किया गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन न करने पर उन पर दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक के उत्तर, सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्तुत की गई दलीलों, अतिरिक्त जानकारी और भेजे गए दस्तावेजों पर भी विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन न करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इस कारण से मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/1617 |