3 अगस्त 2017
सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड का अभौतिक स्वरूप
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के परामर्श से आज की तारीख तक कुल ₹ 5400 करोड़ के मूल्य के लिए सॉवरेन स्वर्ण बॉन्डों की आठ किश्त जारी की हैं। इन बॉन्डों के निवेशकों को विकल्प दिया गया है कि वे इन्हें भौतिक और अभौतिक रूप में रख सकते हैं।
अभौतिक स्वरूप के अनुरोधों को काफी हद तक सफलतापूर्वक प्रोसेस किया गया है। तथापि, रिकार्डों का एक सेट विभिन्न कारणों से प्रोसेस नहीं किया गया जिनमें अन्य कारणों के अतिरिक्त नाम और पैन नंबर में बेमेलता, असक्रिय या बंद डीमेट खातों का होना शामिल है। ऐसे असफल डीमेट अनुरोधों की सूची अब https://sovereigngoldbonds.rbi.org.in पर उपलब्ध कराई गई है। इसमें दी गई सूचना किश्तवार है और इसमें प्राप्तकर्ता कार्यालय का नाम, निवेशक आईडी और बॉन्ड के गैर-अभौतिक स्वरूप के कारण शामिल हैं। निवेशक इन आंकड़ों को देख सकते हैं जिससे कि यह निश्चित किया जा सके कि क्या उनकी निवेशक आईडी इस सूची में दी गई है। सभी प्राप्तकर्ता कार्यालयों को अपने ग्राहकों के लिए इस सूचना को एक्सेस करने तथा अपने ग्राहकों के परामर्श से उचित सुधार करने की भी जरूरत है। इस प्रयोजन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक की ई-कुबेर एप्लिकेशन में आवश्यक माड्यूल उपलब्ध कराए गए हैं।
हम यह भी कह सकते हैं कि लंबित स्थिति के बावजूद भी सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड भारतीय रिज़र्व बैंक की बहियों में रखे रहेंगे और उनका नियमित रूप से भुगतान होता रहेगा।
अजीत प्रसाद सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/337
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