9 मार्च 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 7 मार्च 2018 को एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने भुगतान बैंकों के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों पर जारी निदेशों का उल्लंघन करने पर ₹50 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया था। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों/दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47क(1)(ग) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए लगाया गया।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका बैंक द्वारा उसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय का इरादा नहीं है।
पृष्ठभूमि
शिकायतों और प्रतिकूल मीडिया रिपोर्टों जिसमें आरोप लगाया गया है बैंक ने ग्राहकों की स्पष्ट/विशिष्ट सहमति के बिना खाते खोले थे, के आधार पर रिज़र्व बैंक ने 20 और 22 नवंबर के बीच बैंक का पर्यवेक्षी दौरा किया। पर्यवेक्षी रिपोर्ट और अन्य संबंध दस्तावेजों से पता चला कि अन्य के साथ-साथ भुगतान बैंकों के लिए परिचालनात्मक दिशानिर्देशों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों पर जारी निदेशों का उल्लंघन हुआ है। इन दस्तावेजों के आधार पर, 15 जनवरी 2018 को बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों और निदेशों का पालन न करने पर उन पर दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक के उत्तर, सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्तुत की गई दलीलों, अतिरिक्त जानकारी और भेजे गए दस्तावेजों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन न करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इस कारण से मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2410 |