20 दिसंबर 2017
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) में जमाराशियों के घटक और स्वामित्व का स्वरूप: 31 मार्च 2017
रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2017 को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) में जमाराशियों के घटकों और स्वामित्व के स्वरूप के संबंध मे आंकड़े आज जारी किए है। केंद्रों की आबादी समूह का वर्गीकरण, जहां बैंक शाखाएं / कार्यालय स्थित हैं, जनगणना 2011 पर आधारित है। इसके अलावा, दो छोटे वित्त बैंक (एसएफबी), जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की दूसरी अनुसूची में फरवरी 2017 में जोड़ा जा चुका है, को भी इन जारी आंकड़ों में सम्मिलित किया गया है।
मुख्य बातें:
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कुल जमाराशियों में पारिवारिक क्षेत्र का हिस्सा सभी प्रकार की जमाओं और सभी आबादी समूहों / घरेलू बैंक समूहों में बढ़ा। विदेशी बैंकों में, निजी कॉरपोरेट क्षेत्र का हिस्सा जमाराशियों में सर्वाधिक था।
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अतीत के विपरीत, वृद्धिशील व्यक्तिगत जमाराशियों में दो-तिहाई से अधिक की जमाराशियाँ बचत जमा के रूप में थीं।
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वृद्धिशील जमाराशियों में लगभग पूर्णतया योगदान पारिवारिक और सरकारी क्षेत्रों का ही था, जबकि वित्तीय और विदेशी क्षेत्रों की जमाराशियों में संकुचन पाया गया।
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वर्ष के दौरान विदेशी बैंकों से अनिवासी जमाराशियों में बहिर्गमन पाया गया।
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महाराष्ट्र ने बैंक जमाराशियों में अपने हिस्से (20.4 प्रतिशत) के साथ शीर्ष स्थान को बरकरार रखा, इसके बाद दिल्ली एनसीटी (10 प्रतिशत) का स्थान रहा ।
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2016-17 के दौरान पारिवारिक क्षेत्र की वृद्धिशील जमाराशियों में उत्तर प्रदेश का योगदान (12.7 प्रतिशत) सर्वाधिक रहा, उसके बाद क्रमशः महाराष्ट्र (9.5 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (8.0 प्रतिशत) और गुजरात (7.1 प्रतिशत) का योगदान रहा ।
रिज़र्व बैंक बुलेटिन में 31 मार्च 2017 की स्थिति के अनुसार जमा लेखों के प्रकार, संस्थागत क्षेत्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों की प्रवृत्तियों का प्रमुखता से विश्लेषण करते हुए एक विस्तृत आलेख प्रकशित किया जाएगा।
अनिरुद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1693 |