25 जून 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में प्रबंधन बोर्ड के गठन
पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) के गठन पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए जिनमें प्रस्ताव किया गया हैं कि प्रत्येक यूसीबी में निदेशक बोर्ड (बीओडी) के अतिरिक्त प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) गठित किया जाए।
यह याद होगा कि श्री वाई.एच.मालेगाम की अध्यक्षता में नई शहरी सहकारी बैंकों के लाईसेंस पर गठित विशेषज्ञ समिति (2010) ने अन्य बातों के साथ-साथ सिफारिश की थी कि प्रत्येक यूसीबी में निदेशक बोर्ड के अतिरिक्त प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) गठित किया जाए, इसे शहरी सहकारी बैंकों पर जनवरी 2015 में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (अध्यक्षः आर. गांधी) द्वारा दोहराया गया था।
वर्तमान विधिक ढांचे के अंतर्गत, यूसीबी का निदेशक बोर्ड कार्यकारी और पर्यवेक्षी दोनों प्रकार की भूमिका निभाता है और उसके पास यह जिम्मेदारी होती है कि वह सहकारी समिति के रूप में यूसीबी के कार्यसंचालन और एक बैंक के रूप में इसके कार्यों की निगरानी करें। यूसीबी में शासन को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण के साथ, और हितधारकों के साथ चर्चा के दौरान सुझाव दिया गया है कि, यूसीबी को बीओएम स्थापित करने के लिए अपने उप-कानूनों में प्रावधान करने की आवश्यकता है। दिशानिर्देश प्रस्तावित करते हैं कि नियामक अनुमोदन जैसे कि संचालन के क्षेत्र और नई शाखाओं के उद्घाटन के लिए केवल यूसीबी के लिए अनुमति दी जा सकती है, जिन्होंने अपने उप-कानूनों में ऐसा प्रावधान किया है।
बैंकों और अन्य स्टेकधारकों से 24 जुलाई 2018 तक प्रारूप दिशानिर्देशों पर टिप्पणियां आमंत्रित की जाती हैं। प्रारूप दिशानिर्देशों पर टिप्पणियां/फीडबैक निम्नलिखित को भेजे जा सकते हैं:
मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक
सहकारी बैंक विनियमन विभाग
सी-7, पहली मंजिल, बान्द्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स
बान्द्रा (पूर्व), मुंबई -400051
या “यूसीबी में प्रबंधन बोर्ड पर प्रारूप दिशानिर्देशों पर फीडबैक” विषय पंक्ति के साथ ई-मेल किए जा सकते हैं।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/3359 |