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Date: 03/09/2018
रिज़र्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 शुरू की

3 सितंबर 2018

रिज़र्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए
आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 शुरू की

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मई 2015 में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा चुनिंदा निजी और विदेशी बैंकों को सूचित किया था कि वे बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार की गई शिकायतों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकारी के रूप में आंतरिक लोकपाल (आईओ) की नियुक्ति करें। आईओ तंत्र की स्थापना इसलिए की गई कि बैंकों की आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों की शिकायतों को बैंक स्तर पर ही बैंक के शिकायत निवारण तंत्र के उच्चतम स्तर पर स्थापित किए गए प्राधिकरण द्वारा निपटाया जा सके ताकि निवारण हेतु ग्राहकों के लिए अन्य मंचों तक पहुंचने की आवश्यकता कम हो सके।

इस ग्राहक केंद्रिक दृष्टिकोण के भाग के रूप में, आईओ तंत्र के कार्यसंचालन पर निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ आईओ की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस व्यवस्था की समीक्षा की तथा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क के अंतर्गत ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ के रूप में संशोधित निदेश जारी किए। यह योजना अन्य बातों के साथ-साथ आईओ की नियुक्ति/कार्यकाल, भूमिका तथा उत्तरदायित्व, प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश तथा निगरानी तंत्र को कवर करती है।

भारत में दस से अधिक बैंकिंग आउटलेट रखने वाले सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) से अपेक्षित है कि वे अपने बैंकों में आंतरिक लोकपाल (आईओ) नियुक्त करें। आईओ अन्य बातों के साथ-साथ ग्राहकों की उन शिकायतों की जांच करेगा जो बैंक की ओर से सेवा में कमी के स्वरूप में हैं, (जिसमें बैंकिंग लोकपाल योजना, 2006 के खण्ड 8 में सूचीबद्ध शिकायतों के आधार पर की गई शिकायतें शामिल है) जिन्हें बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया गया है। चूंकि शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय सूचित करने से पहले बैंक आंतरिक रूप से सभी शिकायतों को पूरी तरह से निवारण के लिए आगे संबंधित आईओ को बढ़ाएंगे, उन शिकायतों के बारे में बैंकों के ग्राहकों को सीधे आईओ के पास संपर्क करने की जरूरत नहीं है। आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 के कार्यान्वयन की निगरानी भारतीय रिज़र्व बैंक की विनियामकीय निगरानी (ओवरसाइट) के अलावा बैंक के आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र द्वारा भी की जाएगी।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/542

 
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