30 नवंबर 2018
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत
निदेश – द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
द सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल, 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 23 जुलाई, 2018 के आदेश के माध्यम से बढाया गया था जो 30 नवंबर, 2018 तक समीक्षाधीन वैध थे।
जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि उक्त बैंक को 30 अप्रैल, 2014 को जारी समय-समय पर यथासंशोधित निदेश जिसकी वैधता अवधि 30 नवंबर, 2018 तक बढाई गई थी, 27 नवंबर, 2018 के निदेश के माध्यम से उक्त बैंक पर 1 दिसंबर 2018 से 28 फरवरी 2019 तक की तीन वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा और यह समीक्षाधीन है।
उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले 27 नवंबर 2018 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति से संतुष्ट है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/1252
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