1 मार्च 2019
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के तहत निदेश
बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर
जनता के सूचनार्थ यह अधिसूचित किया गया है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड, बीदर को कुछ निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 28 फरवरी 2019 को कारोबार की समाप्ति के पश्चात, उपरोक्त बैंक आरबीआई की लिखित पूर्व स्वीकृति के बिना कोई और अग्रिम प्रदान नहीं करेगा या उसका नवीकरण करेगा, कोई भी निवेश नहीं करेगा, कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें निधियों के उधार शामिल है, नए जमा स्वीकार करने, अपनी देनदारियों और दायित्वों के निर्वहन में किसी भी भुगतान को वितरित या वितरित करने में सहमति नहीं देगा, अन्यथा, कोई भी समझौता या करार नहीं करेगा, और अपनी संपत्ति या आस्ति को नहीं बेचेगा, हस्तांतरित नहीं करेगा या अन्यथा निपटान नहीं करेगा जैसाकि आरबीआई के 21 फरवरी 2019 के निदेश में अधिसूचित किया गया है, इस निदेश की एक प्रति बैंक परिसर में जनता के इच्छुक सदस्यों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित की गई है। विशेष रूप से, उपर्युक्त आरबीआई निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य जमा खाते में कुल शेष राशि में से ₹1000/-(एक हजार रूपए मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति होगी।
रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त निदेशों को जारी करने का तात्पर्य रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों के संशोधनों पर विचार कर सकता है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/2082 |