11 जुलाई 2019
यू.पी. सिविल सेक्रेटेरिएट प्राइमरी को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर अर्थदण्ड लगाया गया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निवेश पोर्टफोलियो की समवर्ती लेखा परीक्षा, प्रूडेंशियल इंटर बैंक ग्रॉस एक्सपोजर लिमिट और इंटर बैंक काउंटर पार्टी लिमिट, क्रेडिट सूचना कंपनियों (CIC) की सदस्यता, के.वाई.सी दिशानिर्देशों, भारतीय रिजर्व बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट के अनुपालन की प्रस्तुति न करना एवं पिछले वर्ष के दौरान एक संचित हानि होने के बावजूद दान करने के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निर्देश / दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए यू.पी. सिविल सेक्रेटेरिएट प्राइमरी को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर ₹1,00,000/- (रुपए एक लाख मात्र) का अर्थदण्ड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसका बैंक ने लिखित उत्तर प्रस्तुत किया था। बैंक के उत्तर की सावधानीपूर्वक जांच करने, मामले के तथ्यों पर विचार करने और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उल्लंघन प्रमाणित होते हैं तथा अर्थदण्ड लगाया जाना आवश्यक है।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/119 |