02 अगस्त 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने कॉर्पोरेशन बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने (i) बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा और (ii) वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए कॉर्पोरेशन बैंक (बैंक) पर 31 जुलाई 2019 के आदेश के द्वारा ₹ 1 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया।
यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46ए (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
रद्द किए गए डेबिट कार्ड का उपयोग करके धोखाधड़ी से लेनदेन के बारे में बैंक द्वारा प्रस्तुत साइबर सुरक्षा की घटना की रिपोर्ट से पता चला कि बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे तथा वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में बैंक विफल हुआ है। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह सूचित किया गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। बैंक से प्राप्त उत्तरों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निर्देशों के गैर- अनुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं अतः मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/331 |