14 अक्टूबर 2019
रिज़र्व बैंक ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं के लिए आहरण
की सीमा बढ़ाकर ₹ 40,000/- कर दी
यह विदित होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने 3 अक्टूबर 2019 को पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को अपने खातों में कुल शेष राशि में से ₹ 25,000/ - (रुपये पच्चीस हजार मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दी थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक की चलनिधि की स्थिति और उसके जमाकर्ताओं को भुगतान करने की क्षमता की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया कि पूर्व में स्वीकृत ₹ 25,000 समेत, आहरण की सीमा को पुनः बढ़ाकर ₹ 40,000/-(रूपये चालीस हजार मात्र) कर दिया जाए। उपरोक्त छूट के साथ, बैंक के 77% से अधिक जमाकर्ता उनके खातों से अपनी पूरी शेष राशि आहरित कर सकेंगे।
बैंक की वित्तीय स्थिति कुछ व्यक्तियों द्वारा उसमें धोखाधड़ी किए जाने के कारण काफी खराब हो गई है। जैसे ही यह मामला भारतीय रिज़र्व बैंक के संज्ञान में आया, एक प्रशासक नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की गई थी कि बैंक के उपलब्ध संसाधन संरक्षित हैं और उनका दुरुपयोग या वितरण नहीं किया गया है।
इस बीच, बैंक में धोखाधड़ी / वित्तीय अनियमितताओं और इसके लेखा बहियों के हेरफेर से जुड़े अपने अधिकारियों और उधारकर्ताओं के विरुद्ध बैंक द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर, आर्थिक अपराध शाखा, महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, बैंक के प्रशासक द्वारा संबंधित लेनदेन को देखने के लिए फॉरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किए गए हैं। रिज़र्व बैंक द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 36 एएए(5)(ए) के प्रावधानों के अनुसार प्रशासक और तीन सदस्यों वाली परामर्श समिति बैंक द्वारा अपने परिचालनों के समय सामना किए जा रहे विभिन्न मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए काम कर रही है।
रिज़र्व बैंक बारीकी से स्थिति की निगरानी कर रहा है और बैंक निरंतर रूप से जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2019-2020/942 |