16 अक्टूबर 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एसबीएम बैंक (इंडिया) लि. पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "स्विफ्ट से संबंधित परिचालन नियंत्रण के समयबद्ध कार्यान्वयन और सुदृढ़ीकरण" और "बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा" संबंधी निर्देशों के कुछ प्रावधानों के गैर-अनुपालन के लिए एसबीएम बैंक (मॉरीशस) लि. (30 नवंबर 2018 को एसबीएम बैंक (इंडिया) लि. के साथ समामेलित) पर दिनांक 15 अक्टूबर 2019 के आदेश द्वारा ₹ 3 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एसबीएम बैंक (मॉरीशस) लि. के भारतीय परिचालन में स्विफ्ट से संबंधित परिचालनों के कार्यान्वयन की जांच की गई थी और यह देखा गया था कि यह उपरोक्त निर्देशों के कुछ प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा था। जाँच के निष्कर्षों और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि उक्त बैंक के भारतीय उपक्रम को एसबीएम बैंक (इंडिया) लि. के साथ समामेलित किया गया था, एसबीएम बैंक(इंडिया) लि. को एक नोटिस जारी किया गया था, जिससे उनसे कारण बताने के लिए कहा गया था कि निर्देशों का पालन न करने के लिए उन पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। एसबीएम बैंक(इंडिया) लि. से प्राप्त उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई में की गयी मौखिक प्रस्तुति, तथा अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर आया है कि उल्लंघन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध होते हैं तथा मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/967 |