25 अक्टूबर 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लि. पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने रिज़र्व बैंक द्वारा जारी “भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों एवं चुनिंदा वित्तीय संस्थान द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) दिशानिर्देश 2016” संबंधी निदेश के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने हेतु तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लि. (बैंक) पर दिनांक 24 अक्टूबर 2019 के आदेश द्वारा ₹ 35 लाख (पैंतीस लाख रुपये) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2017 तक बैंक के वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी “भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों एवं चुनिंदा वित्तीय संस्थान द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग) दिशानिर्देश 2016” संबंधी निदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि वह यह बताए कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन न करने हेतु उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1038
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