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Date: 22/06/2020
रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के सुरक्षित उपयोग पर जनता के सदस्यों को सतर्क किया

22 जून 2020

रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेनों के सुरक्षित उपयोग पर जनता के सदस्यों को सतर्क किया

डिजिटल लेनदेन की सुरक्षितता उनके उपयोगकर्ताओं के लिए सर्वोपरि महत्व की है। रिजर्व बैंक ने बैंक के प्रमुख कार्यक्रम "आरबीआई कहता है" के माध्यम से प्रिंट और दृक – श्राव्य माध्यमों में लगातार और सक्रिय रूप से डिजिटल जागरूकता अभियान चलाकर इसे सुनिश्चित करने के लिए कई तंत्रों को स्थापित किया है।

हाल के दिनों में धोखेबाजों द्वारा इन उपयोगकर्ताओं को कथित रूप से केवाईसी आवश्यकताओं को पूरा करने आदि जैसे फर्जी बहाने से और बैंकों की वेबसाइटों का प्रतिरूप धारण कर के और भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों के नाम से झूठी पहचान बनाकर ठगे जाने के मामले सामने आए हैं।

आम जनता के बीच सुरक्षित डिजिटल लेनदेनों को बढ़ावा देने के लिए यह दोहराया जाता है कि उपयोगकर्ताओं को ध्यान रखना चाहिए कि वे (i) अपने एटीएम/कार्ड (डेबिट/क्रेडिट/प्रीपेड) विवरण किसी के साथ साझा ना करें; (ii) अपना पासवर्ड, पिन, ओटीपी, सीवीवी, यूपीआई-पिन आदि साझा ना करें; (iii) सार्वजनिक, खुले या मुफ्त वाईफाई-नेटवर्क के माध्यम से बैंकिंग या अन्य वित्तीय लेन-देन करने से बचें; और (iv) मोबाइल, ई-मेल, इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट या पर्स पर महत्वपूर्ण बैंकिंग डेटा संग्रहीत ना करें। उपभोक्ता कृपया याद रखें कि बैंक और अन्य भुगतान प्रणाली ऑपरेटर कभी भी पासवर्ड, पिन, ओटीपी, सीवीवी नंबर जैसे विवरण नहीं मांगते हैं।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2534

 
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