6 अगस्त 2020
रिज़र्व बैंक ने एक विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की
6 अगस्त 2020 को मौद्रिक नीति वक्तव्य के साथ जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के भाग के रूप में, रिज़र्व बैंक ने 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्ति के समाधान संबंधी विवेकपूर्ण ढांचे के तहत विशेष विंडो के रूप में 'Covid19 से संबंधित तनाव के लिए समाधान ढांचा' की घोषणा की है।
समाधान ढांचे में अन्य बातों के साथ-साथ रिज़र्व बैंक द्वारा एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी शामिल है, ताकि समाधान योजनाओं में आवश्यक वित्तीय मापदंडों और ऐसे मापदंडों के लिए क्षेत्र विशिष्ट बेंचमार्क सीमाओं के साथ अनुशंसा की जा सकें । विशेषज्ञ समिति लागू (इन्वोकेशन) करने के समय 1500 करोड़ रुपये और उससे अधिक के सकल एक्सपोजर वाले सभी खातों के संबंध में इस ढाँचे के तहत कार्यान्वित की जाने वाली समाधान योजनाओं के लिए, उसके वाणिज्यिक पहलुओं में गए बिना, सत्यापन प्रक्रिया भी आरंभ करेगी।
तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने श्री के.वी. कामथ की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। समिति के अन्य सदस्य निम्नानुसार होंगे:
-
श्री दिवाकर गुप्ता (उपाध्यक्ष, एडीबी के रूप में उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद, 1 सितंबर 2020 से प्रभावी)
-
श्री टी. एन. मनोहरन (अध्यक्ष, केनरा बैंक के रूप में उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद, 14 अगस्त 2020 से प्रभावी)
-
श्री अश्विन पारेख, कार्यनीतिक परामर्शदाता
-
सीईओ, भारतीय बैंक संघ, सदस्य सचिव के रूप में
समिति रिज़र्व बैंक को वित्तीय मापदंडों पर अपनी अनुशंसा प्रस्तुत करेगी, जो 30 दिनों में संशोधनों के साथ, यदि कोई हो, उसे सूचित करेगी।
भारतीय बैंक संघ, समिति के सचिवालय के रूप में कार्य करेगा और समिति किसी भी व्यक्ति, जो इसे उपयुक्त लगता हो, से परामर्श लेने या उसे आमंत्रित करने के लिए पूरी तरह से सशक्त होगी ।
समिति अपनी आंतरिक कार्यप्रणाली के लिए अपनी प्रक्रियाएं तैयार कर सकती है।
समिति रिज़र्व बैंक के तत्वावधान में कार्य करेगी, और तदनुसार, समिति और उसके सचिवालय का खर्च रिज़र्व बैंक द्वारा पूरी तरह से वहन किया जाएगा।
समिति की संरचना का विस्तार किया जा सकता है और अन्य सदस्यों को आवश्यकतानुसार जोड़ा जा सकता है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/156 |