7 मई 2021
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए
ऑन-टेप मीयादी चलनिधि सुविधा
श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिनांक 05 मई 2021 के वक्तव्य में घोषित किए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि देश में कोविड से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं में तेजी लाने के लिए तत्काल चलनिधि के प्रावधान को बढ़ावा देने हेतु, रेपो दर पर तीन वर्ष तक की अवधि के साथ ₹50,000 करोड़ की ऑन-टैप चलनिधि विंडो को 31 मार्च 2022 तक खोला जाए। इस योजना के तहत, बैंक, वैक्सीन उत्पादकों; टीके और प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों के आयातक / आपूर्तिकर्ता; अस्पताल / औषधालय; पैथोलॉजी लैब और डीयग्नोस्टिक केंद्र; ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के निर्माणकर्ता और आपूर्तिकर्ता; टीके और कोविड संबंधित दवाओं के आयातक; लॉजिस्टिक फर्मों और रोगियों के इलाज सहित कई प्रकार की संस्थाओं को नई ऋण सहायता प्रदान कर सकते हैं।
2. बैंकों को 31 मार्च 2022 तक इस तरह के ऋण देने के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र वर्गीकरण में विस्तार के माध्यम से इस योजना के तहत ऋण के त्वरित वितरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन ऋणों को चुकौती या परिपक्वता, जो भी पहले हो, तक प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के तहत वर्गीकृत किया जाएगा। बैंक इन ऋणों को, उधारकर्ताओं को सीधे या रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित मध्यस्थ वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से वितरित कर सकते हैं।
3. योजना के तहत, बैंकों से एक कोविड ऋण बही बनाने की उम्मीद की जाती है। अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में, ऐसे बैंक प्रतिवर्ती रेपो विंडो के तहत रिज़र्व बैंक के पास कोविड ऋण बही के आकार तक अपनी अधिशेष चलनिधि को रखने के लिए पात्र होंगे, जिसका दर रेपो दर से 25 बीपीएस कम होगा।
4. ऐसे बैंक जो रिज़र्व बैंक से निधि प्राप्त किए बिना ऊपर उल्लिखित निर्दिष्ट सेगमेंट को ऋण देने की योजना के तहत अपने स्वयं के संसाधनों को तैनात करने के इच्छुक हैं वे भी उक्त पैरा 2 और 3 में निर्धारित प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे।
5. योजना का परिचालन विवरण अनुबंध-1 में दिया गया है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/177 |