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Date: 26/06/2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पानीहाटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

26 जून 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पानीहाटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 जून 2023 के आदेश द्वारा पानीहाटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी (i) "एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक" और (ii) "अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016" संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 2,50,000/- (दो लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और निरीक्षण रिपोर्ट की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक (i) सकल और काउंटर पार्टी दोनों स्तरों पर विवेकपूर्ण अंतर-बैंक एक्सपोज़र और (ii) कतिपय खातों के लिए केवाईसी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुपालन में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतिकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/468

 
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