26 जून 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने टेक्सटाइल ट्रेडर्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात)
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 जून 2023 के आदेश द्वारा टेक्सटाइल ट्रेडर्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'सहकारी बैंक – जमाराशियों पर ब्याज दर', 'ग्राहक सुरक्षा - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की सीमित देयता', और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)' संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹4.50 लाख (चार लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) मृत व्यक्तिगत जमाकर्ताओं या एकल स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर चालू खाते में पड़ी शेष राशि पर (ii) मूल करार की दर पर रविवार/ छुट्टी/ गैर-कामकाजी कार्य दिवस पर परिपक्व होने वाली मियादी जमा पर, (iii) परिपक्वता से पहले आहरित मियादी जमाराशियों पर, ब्याज का भुगतान नहीं किया (ख) (i) ग्राहकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए बैंक की वेबसाइट के होमपेज पर सीधा लिंक प्रदान नहीं किया, (ii) अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन की यथाशीघ्र रिपोर्टिंग के लिए ग्राहकों को बैंक द्वारा भेजे गए एसएमएस और ईमेल का जवाब देने की सुविधा प्रदान नहीं की गई; (ग) बैंक के पास खातों के जोखिम वर्गीकरण की समय-समय पर समीक्षा के लिए कोई प्रणाली उपलब्ध नहीं थी और इस आधार पर बैंक, केवाईसी मानदंडों से संबंधित निदेशों का पालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/464 |