19 अक्तूबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूरत नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा सूरत नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'सहकारी बैंक - जमाराशि पर ब्याज दर' और 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की सीमित देयता' संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) परिपक्व मियादी जमा पर परिपक्वता की तारीख से उनके चुकौती की तारीख तक लागू दर पर ब्याज का भुगतान नहीं किया और (ii) ग्राहकों को अनधिकृत लेनदेन की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए बैंक द्वारा भेजे गए इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन से संबंधित एसएमएस और ईमेल अलर्ट का 'उत्तर' देकर जवाब देने की सुविधा प्रदान नहीं की थी। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1141 |