4 जनवरी 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वड़ोदरा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 दिसंबर 2023 के आदेश द्वारा श्री भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वड़ोदरा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' और 'भारतीय रिज़र्व बैंक (सहकारी बैंक - जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोज़र सीमा के साथ-साथ विवेकपूर्ण अंतर-बैंक काउंटर पार्टी एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया है; और (ii) परिपक्व मियादी जमाराशि पर परिपक्वता की तारीख से उनके चुकौती की तारीख तक लागू दर पर ब्याज का भुगतान नहीं किया। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1615 |