3 जून 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि रॉन तालुका प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, रॉन, कर्नाटक पर मौद्रिक
दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 मई 2024 के आदेश द्वारा दि रॉन तालुका प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, रॉन, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 'धोखाधड़ी निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र' और 'नाममात्र सदस्यता के संबंध में नीति और पद्धति' पर जारी कतिपय निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹75,000/- (पचहत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) रिज़र्व बैंक को धोखाधड़ी की सूचना नहीं दी और (ii) नियमित सदस्यों की कुल संख्या के अनुपात के रूप में नाममात्र सदस्यों की कुल संख्या के लिए निर्धारित सीमा को पार किया।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/427 |