2 सितंबर 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरएआर फिनकेयर लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा आरएआर फिनकेयर लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023’ के साथ पठित ‘मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016’ के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
निदेशकों की नियुक्ति की सूचना से संबंधित पत्राचार से अन्य बातों के साथ-साथ एनबीएफसी के प्रबंधन में परिवर्तन संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का पता चला। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी ने प्रबंधन में परिवर्तन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व लिखित अनुमति नहीं ली, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर उसके 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदल गए, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा इसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1024 |