7 नवंबर 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री चरण सौहार्द को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलुरु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 नवंबर 2024 के आदेश द्वारा श्री चरण सौहार्द को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलुरु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी’ कतिपय निदेशों तथा ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे’ (एसएएफ) के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के उक्त निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
बैंक:
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आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण मानदंडों के संदर्भ में कतिपय ऋण खातों को अनर्जक आस्तियों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा; और
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जमाराशियों पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों से अधिक ब्याज दर प्रस्तावित की तथा एसएएफ के अंतर्गत जारी निदेशों के अननुपालन में नए ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1451 |