आरबीआइ/2012-13/42
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 15/21.01.002/2012-13
2 जुलाई 2012
11 आषाढ़ 1934 (शक)
सभी वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - बासल I ढाँचा
कृपया आप 1 जुलाई 2011 का मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. 17/21.01.002/2010-2011 देखें, जिसमें पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंडों से संबंधित विषयों पर 30 जून 2011 तक जारी किये गये अनुदेश/दिशानिर्देश समेकित किये गये हैं । उक्त मास्टर परिपत्र को 30 जून 2012 तक जारी किये गये अनुदेशों को शामिल करते हुए उपयुक्त रूप में अद्यतन किया गया है और इसे रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (http://www.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध करा दिया गया है ।
2. यह नोट किया जाए कि अनुबंध 13 में सूचीबद्ध परिपत्रों में निहित उपर्युक्त विषय पर सभी संबंधित अनुदेशों को समेकित किया गया है । चूंकि 31 मार्च 2009 से भारत में बैंकों ने बासल II मानदंडों को अपना लिया है अत: `पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण मानदंड - नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन' पर हमारे परिपत्र के अनुसार बैंकों द्वारा जितनी पूंजी बनाए रखना आवश्यक है उसकी न्यूनतम विवेकपूर्ण सीमा की गणना के लिए इस परिपत्र में निहित अनुदेश लागू होंगे तथा अनुबंध 12 में विनिर्दिष्ट फॉर्मेट में उसकी रिपोर्ट की जाए।
3. भारत में कार्यरत सभी बैंक 31 मार्च 2013 तक समीक्षा के अधीन समांतर प्रयोग (पैरलल रन) जारी रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि ऋण तथा बाजार जोखिम के लिए बासल II के संबंध में उनकी न्यूनतम पूंजी अपेक्षा बासल I ढांचे के अनुसार गणना की गई न्यूनतम पूंजी अपेक्षा के 80 प्रतिशत की न्यूनतम विवेकपूर्ण सीमा से अधिक है।
भवदीय
(दीपक सिंहल)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |