भारिबैं/2012-13/82
डीजीबीए. सीडीडी सं. एच - 8574/13.01.299/2012-13
1 जुलाई 2012
10 आषाढ 1934 (श)
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
प्रधान कार्यालय (सरकारी लेखा विभाग)
भारतीय स्टेट बैंक और सहयोगी बैंक
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक (पंजाब और सिंध बैंक और आंध्रा बैंक को छोड़कर)
एक्सिस बैंक लि./आईसीआईसीआई बैंक लि./एचडीएफसी बैंक लि./
स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि.(एसएचसीआईएल)
महोदय/महोदया,
राहत/बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र
कृपया इस संदर्भ में हमारे दिनांक 1 जुलाई 2011 के मास्टर परिपत्र संख्या भारिबैं/2011-12/96 को देखे।
2. उपर्युक्त विषय के संबंध में वर्तमान में लागू अनुदेशों को एक ही जगह उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ, 30 जून 2012 तक के निर्देशों को समाविष्ट करके, अद्यतन संशोधित मास्टर परिपत्र संलग्न है । यह हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी उपलब्ध है।
भवदीया
(संगीता लालवानी)
महाप्रबंधक
अनुलग्नक : 03 पृष्ठ
मास्टर परिपत्र
राहत/बचत बांड योजनाएं
नामांकन सुविधा
1. किसी राहत/बचत बांड, जोकि प्रॉमिसरी नोट या धारक बांड के रूप में नहीं हैं, का एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक, एक अथवा एक से अधिक व्यक्ति का नामांकन कर सकता(ते) है, जो धारक अथवा संयुक्त धारकों की मृत्यु होने पर राहत/बचत बांड तथा उसका भुगतान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा/होंगे, बशर्ते नामित व्यक्ति अथवा नामित व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति ऐसे बांड धारण करने के लिए स्वयं सक्षम है।
2. नामांकन बांड की परिपक्वता से पूर्व किया जाना चाहिए।
3. दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों को नामांकित किए जाने के पश्चात, उनमें से किसी एक की मृत्यु होने पर, उत्तरजीवी नामित/नामितों को राहत/बचत बांडों तथा उसके भुगतान का हक मिलेगा।
4. राहत/बचत बांड के धारक(कों) द्वारा किया गया कोई भी नामांकन बदला या निरस्त किया जा सकता है, जिसके लिए विहित प्रारुप में नया नामांकन भरकर, प्राधिकृत सरकारी/ निजी क्षेत्र के बैंक की निर्दिष्ट शाखा को लिखित में सूचित करना होगा।
5. यदि नामित अवयस्क है तो, राहत/बचत बांड का धारक, अवयस्क नामित की अवयस्कता के दौरान, मृत्यु होने पर, देय राहत/बचत बांड की राशियाँ प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को, जोकि अवयस्क नहीं हैं, नियुक्त कर सकता है।
6. बांड लेजर अकाउंट (बीएलए) में किए प्रत्येक निवेश के लिए निवेशक अलग से नामांकन कर सकतें हैं।(उपर्लिखित 2 के अधीन)
7. एजेंसी बैंकों को ‘नामांकन की पावती’ जारी करना चाहिए।
8. 8% बचत (कर-योग्य) बांड, 2003 (एकमात्र बांड जिसके लिए वर्तमान में अभिदान खुला है), के बांडों में किए गए निवेश के लिए ब्याज भुगतान/रिडेम्पशन (मोचन) मूल्य की प्राप्ति के लिए एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक अपने नामिति के रुप में किसी अनिवासी भारतीय (एनआरआई) को भी नामांकित कर सकते हैं। ब्याज अथवा परिपक्वता मूल्य भुगतान, जैसा भी मामला हो, के विप्रेषण, अनिवासी भारतीयों पर लागू सामान्य विनियमों से शासित होंगे।
अपवाद- निम्नलिखित मामलों में किसी प्रकार के नामांकन की अनुमति नहीं होगी:
(क) जब बीएलए अवयस्क की ओर से किसी वयस्क द्वारा धारित किया गया है।
(ख) जबकि धारक का बीएलए में कोई लाभदायक हित न हो और उसने बांड को अधिकारिक क्षमता में अथवा फिडयूसिअरी (न्यासी) की क्षमता में धारित किया हो।
नामांकन निरस्त करना: - निम्नलिखित परिस्थितियों में पहले किया गया नामांकन स्वतः निरस्त माना जाएगा-
(क) यदि धारक प्रतिस्थापन अथवा निरसन के लिए एजेंसी बैंक में आवेदन करें और कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापन अथवा निरसन को विधिवत पंजीकृत किया जाएं।
(ख) यदि धारक प्रमाणपत्र का दूसरे पक्ष को अंतरण करें।
रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्र/निर्देश जिनके आधार पर यह मास्टर परिपत्र तैयार किया गया हैं, निम्नानुसार हैं:
i) संदर्भ राहत बांडो के लिए प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी)
ii) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4087/2000-01 दिनांक 16-02-2001
iii) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4854/2000-01 दिनांक 19-03-2001
iv) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-3410/2003-04 दिनांक 20-12-2003
v) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.299/एच - 3426/2003-04 दिनांक 20-12-2003
vi) संदर्भ डीजीबीए.सीडीडी सं. एच-2173/13.01.299/2008-09 दिनांक 02-09-2008
(यदि विशेष मामलों पर विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरोक्त परिपत्रों का अवलोकन करें।) |