आरबीआई/2016-17/320
विसविवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं.31/02.01.001/2016-17
8 जून 2017
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी
एसएलबीसी संयोजक बैंक
महोदया/ महोदय
5000 से अधिक की आबादी वाले बैंकरहित गाँवों के लिए रोडमैप का शाखा प्राधिकरण नीति पर संशोधित दिशानिर्देशों के साथ संरेखण
कृपया दिनांक 31 दिसंबर 2015 का परिपत्र विसविवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं.82/02.01.001/2015-16 देखें जिसमें एसएलबीसी को सूचित किया गया था कि वे अपने राज्य में 5000 से अधिक की आबादी वाले ऐसे गाँवों की पहचान करें जहां अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की बैंक शाखा नहीं है और इमारती शाखाएं खोलने के लिए ऐसे गाँवों को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) के बीच आवंटित करें।
2. इस संबंध में, हम आपका ध्यान ‘शाखा प्राधिकरण नीति को युक्तिसंगत बनाना – दिशानिर्देशों में संशोधन’ पर दिनांक 18 मई 2017 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीएपीडी.बीसी.69/22.01.001/2016-17 की ओर आकर्षित करते हैं जिसमें वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने तथा साथ ही वितरण प्रणाली (डिलीवरी चैनल) के विकल्प के संबंध में बैंकों को लचीलापन प्रदान करने के लिए 'बैंकिंग आउटलेट' पर अंतिम दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
3. ऐसी परिस्थिति में, एसएलबीसी संयोजक बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे समीक्षा करें और शाखा प्राधिकरण नीति को युक्तिसंगत बनाने पर संशोधित दिशानिर्देशों के आलोक में 5000 से अधिक की आबादी वाले गाँवों में बैंकरहित ग्रामीण केंद्रों (यूआरसी) की पहचान करें तथा यह सुनिश्चित करें कि ऐसे 5000 से अधिक की आबादी वाले बैंकरहित ग्रामीण केंद्र, यदि कोई हो, में तत्काल सीबीएस सक्षम बैंकिंग आउटलेट उपलब्ध कराया जाए। भारतीय रिज़र्व बैंक के वित्तीय समावेशन और विकास विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को 31 दिसंबर 2017 तक इसकी पुष्टि प्रस्तुत करें कि 5000 से अधिक की आबादी वाले सभी बैंक रहित गाँवों को बैंकिंग सुविधा युक्त कर दिया गया है।
भवदीय
(अजय कुमार मिश्र)
मुख्य महाप्रबंधक |