आरबीआई/2016-17/327
डीजीबीए.जीबीडी.सं.3333/31.02.007/2016-17
22 जून 2017
सभी एजेंसी बैंक
महोदय/महोदया
सरकारी प्राप्तियों के लिए एजेंसी कमीशन का भुगतान
कृपया एजेंसी बैंकों द्वारा किए जा रहे सरकारी लेनदेनों के संबंध में उन्हें देय एजेंसी कमीशन की तर्कसंगतता और संशोधन संबंधी 22 मई 2012 के परिपत्र सं.डीजीबीए.जीएडी.7575/31.12.011/2011-12 का संदर्भ देखें।
2. जैसा कि आप जानते हैं प्रत्येक लेनदेन के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सरकारी प्राप्तियों पर एजेंसी कमीशन अदा किया जाता है। इस संबंध में वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू करने के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि जीएसटी भुगतान प्रक्रिया के अंतर्गत एकल कामन पोर्टल पहचान सं. सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर चालान पहचान संख्या जेनरेट होती है, तो उसे एकल लेनदेन माना जाए चाहे वह एकाधिक प्रधान खाताशीर्ष/उप प्रधान खाताशीर्ष/लघु खाताशीर्ष वाले खातों में जमा किया जाता है। इसका आशय यह है कि एकल चालान के माध्यम से अदा किया गया सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और उपकर आदि को एकल लेनदेन माना जाएगा। इस प्रकार एकल चालान अर्थात् सीपीआईएन के अंतर्गत जोड़े गए सभी अभिलेखों को एजेंसी कमीशन का दावा करने के प्रयोजन से एकल लेनदेन माना जाएगा। यह 1 जुलाई 2017 से प्रभावी होगा।
3. इसी प्रकार लेनदेन, जो जीएसटी के अंतर्गत शामिल नहीं हैं, के मामले में इस बात पर बल दिया जा रहा है कि एकल चालान (इलेक्ट्रानिक अथवा भौतिक) को केवल एकल लेनदेन माना जाएगा न कि एकाधिक लेनदेन, चाहे इसमें एकाधिक प्रधान खाताशीर्ष/उप प्रधान खाताशीर्ष/लघु खाताशीर्ष वाले खातों में जमा किया जाता है। हम इसे दोहराते हैं कि एकल चालान के अंतर्गत जोड़े गए अभिलेखों, जिनकी प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी हो गई है, को एजेंसी कमीशन के दावे के प्रयोजन से एकल लेनदेन माना जाएगा।
भवदीय
(पार्था चौधुरी)
महाप्रबंधक
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