मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन |
आरबीआइ /2011-12/12
मास्टर परिपत्र सं.12/2011-12
1 जुलाई 2011
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया /महोदय,
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न (डेरिवेटिव) संविदाएं, समुद्रपारीय (विदेशी) पण्य और भाड़ा संबंधी हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रुपये खाते, अंतर बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन, आदि 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के विनियम 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/ आरबी-2000 के प्रावधानों और बाद में उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं।
2. इस मास्टर परिपत्र में "जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन" विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान पर समेकित किया गया है। निहित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है।
3. यह मास्टर परिपत्र एक वर्ष के लिए (सनसेट खंड के साथ) जारी किया जा रहा है। यह परिपत्र 1 जुलाई 2012 को वापस ले लिया जाएगा तथा इस विषय पर अद्यतन (updated) मास्टर परिपत्र जारी किया जाएगा।
भवदीया,
(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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