आरबीआई/2011-12/537
ए.पी.(डीआईआर सीरीज)परिपत्र सं. 118
07 मई 2012
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी
महोदया/महोदय,
विविध विप्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना
विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 12 सितंबर 2002 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 16 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित किया गया था कि वे सभी अनुमत लेनदेनों के लिए आवेदक से प्राप्त साधारण पत्र, जिसमें मूल जानकारी, अर्थात आवेदक और लाभार्थी का नाम और पता, विप्रेषित की जाने वाली राशि और विप्रेषण का प्रयोजन समाविष्ट हों, के आधार पर 500 अमरीकी डॉलर अथवा उसकी समतुल्य राशि तक विदेशी मुद्रा जारी करें । उक्त परिपत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा ऐसे मामलों में ए2 फॉर्मों के प्रस्तुतीकरण पर बल देने की आवश्यकता नहीं है । बाद में उक्त सीमा 23 दिसंबर 2003 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 55 में बढ़ाकर 5000 अमरीकी डॉलर की गयी थी ।
2. प्रलेखीकरण संबंधी अपेक्षाओं को और उदारीकृत करने के मद्देनजर, विविध प्रयोजनों के लिए प्रलेखीकरण औपचारिकताओं के बगैर विदेशी मुद्रा के विप्रेषण की 5000 अमरीकी डॉलर की सीमा तत्काल प्रभाव से 25000 अमरीकी डॉलर की गयी है ।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि विदेशी मुद्रा की खरीद चालू खाता लेनदेन (चालू खाता लेनदेनों पर सरकारी अधिसूचना की अनुसूची । और ॥ में शामिल न हो) के लिए की जा रही हो और राशि 25000 अमरीकी डॉलर अथवा उसकी समतुल्य राशि से अधिक न हो तथा भुगतान आवेदक के बैंक खाते पर आहरित चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट द्वारा किया गया हो तो उल्लेखानुसार प्राधिकृत व्यापारियों को एक साधारण पत्र के सिवाय फॉर्म ए2 सहित और कोई भी दस्तावेज प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। प्राधिकृत व्यापारी बैंक डमी (dummy) फॉर्म ए-2 तैयार करेंगे ताकि वे भुगतान संतुलन के लिए सांख्यिकी इनपुट हेतु विप्रेषण का प्रयोजन प्रस्तुत कर सकें ।
4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत करायें ।
5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं ।
भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक
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