भारिबैं/2011-12/491
सबैंलेवि.केऋप्र.एच-6614/13.01.298/2011-12
अप्रैल 10, 2012
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यालय (सरकारी लेखा विभाग)
भारतीय स्टेट बैंक और सहयोगी बैंक,
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक
(पंजाब एण्ड सिंध बैंक तथा आंध्र बैंक को छोड़कर),
आइडीबीआई बैंक लि./आईसीआईसीआई बैंक लि./
एक्सिस बैंक लि./एचडीएफसी बैंक लि./एसएचसीआईएल
महोदय / महोदया,
राहत एवं बचत बांड की मूल राशि और/या ब्याज के भुगतान में देरी होने पर क्षतिपूर्ति का ढांचा
कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे दिनांक 20 मई 2005 एवं 09 दिसंबर 2011 के परिपत्र सं.भारिबैं/2005/477 एवं भारिबैं/2011-12/294 देखें | दिनांक 9 दिसंबर 2011 के परिपत्र द्वारा यह सूचित किया गया था कि एजेंसी बैंक राहत/बचत बांड के निवेशक को ब्याज वारंट /परिपक्वता राशि की देरी से जमा/प्राप्ति के कारण हुए वित्तीय घाटे के लिए संबंधित राशि पर क्षतिपूर्ति का भुगतान अपनी बचत बैंक ब्याज दर (रु.1 लाख तक और रु.1 लाख से अधिक) पर बिना किसी भेदभाव के करेंगे |
2. बचत खातों के लिए नियंत्रण मुक्त ब्याज दरों के वर्तमान परिदृश्य में, क्षतिपूर्ति की दर में विभिन्न एजेंसी बैंकों में अस्पष्टता और अंतर से बचने के लिए, इन निर्देशों की समीक्षा की गई | अब यह निर्णय लिया गया है, कि इस परिपत्र की तिथि से एजेंसी बैंक राहत/बचत बांड के निवेशक को ब्याज वारंट/परिपक्वता राशि की देरी से जमा/प्राप्ति के कारण हुए वित्तीय घाटे के लिए 8% प्रतिवर्ष की निश्चित दर पर क्षतिपूर्ति का भुगतान करेंगे |
3. रिज़र्व बैंक उपरोक्त क्षतिपूर्ति दरों की आवश्यक समझे जाने पर समीक्षा कर सकता है |
4. कृपया पावती भेजे |
भवदीया,
(संगीता लालवानी)
उप महाप्रबंधक |