23 जून 2014
भारतीय रिज़र्व बैंक ने विनियामक अनुमोदनों और सेवाओं की प्रदायगी के लिए
नागरिकों के चार्टर की समय-सीमा घोषित की
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) की गैर-विधायी सिफारिशों के कार्यान्वयन के भाग के रूप में ‘विनियामक अनुमोदन और नागरिकों के चार्टर के लिए समय-सीमा’ जारी की।
ये समय सीमाएं सांकेतिक हैं। यदि विभागों में समय-सीमा बढ़ाने की संभावना हो तो वे आवेदक के पास जाएंगे।
यदि कोई आवेदक दर्शाई गई समय-सीमा के अंदर जवाब प्राप्त नहीं करता है तो वह संबंधित विभाग के प्रधान से संपर्क कर सकता है। विभागाध्यक्ष आवेदन की स्थिति, देरी के कारण, अतिरिक्त सूचना, यदि हो, और आवेदन के निपटान की संभावित समय-सीमा के बारे में जवाब देगा।
पृष्ठभूमि
वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग की एक सिफारिश के रूप में सभी विनियामकों से अपेक्षित है कि वे लागू कानूनों के अधीन कारोबार करने के लिए लाइसेंस और उत्पाद तथा सेवा की शुरूआत सहित सभी अनुमतियों के लिए एक समयबद्ध अनुमोदन प्रक्रिया अपनाएंगे।
तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने इसके विभिन्न विभागों द्वारा दिए जाने वाले विनियामक अनुमोदन और सार्वजनिक इंटरफेस रखने वाले विभागों द्वारा सेवाओं की प्रदायगी के लिए नागरिकों के चार्टर की समय सीमा तैयार की है।
अल्पना किल्लावाला
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2481 |