क्र. सं. |
मद |
ब्यौरे |
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उत्पाद का नाम |
सॉवरेन स्वर्ण बॉन्ड 2016-17 - श्रृंखला II |
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निर्गम |
भारत सरकार की ओर से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाएगा। |
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पात्रता |
ये बॉन्ड निवासी व्यक्तियों, अविभक्त हिंदू परिवारों, न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जाएंगे। |
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मूल्यवर्ग |
इन बॉन्डों को 1 ग्राम की मूल यूनिट के साथ ग्राम (ग्रामों) के गुणजों के मूल्यवर्ग में वर्गीकृत किया जाएगा। |
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अवधि |
बॉन्ड की अवधि 8 वर्ष की होगी और 5वें वर्ष से इससे हटने का विकल्प होगा जो ब्याज भुगतान तारीखों पर किया जा सकेगा। |
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न्यूनतम मात्रा |
न्यूनतम अनुमत निवेश 1 ग्राम सोना होगा। |
7 |
अधिकतम मात्रा |
एक इकाई द्वारा सदस्यता ली गई अधिकतम राशि प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) प्रति व्यक्ति 500 ग्राम से अधिक नहीं होगी। इस आशय की एक स्व-घोषणा प्राप्त की जाएगी |
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संयुक्त धारक |
संयुक्त धारिता की स्थिति में 500 ग्राम की निवेश सीमा केवल पहले आवेदक पर लागू होगी। |
9 |
निर्गम मूल्य |
बॉन्ड का मूल्य, इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोशिएशन लि. (आईबीजेए) द्वारा अभिदान की अवधि के पिछले सप्ताह (सोमवार से शुक्रवार) के लिए प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के सामान्य औसत के आधार पर भारतीय रुपया में तय किया जाएगा। |
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भुगतान विकल्प |
बॉन्डों के लिए भुगतान नकदी में (अधिकतम 20,000 रुपए तक) या मांग ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से होगा। |
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निर्गम का प्रकार |
जीएस अधिनियम, 2006 के अंतर्गत भारत सरकार के स्टॉक के रूप में स्वर्ण बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए निवेशकों को धारिता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। ये बॉन्ड डिमेट रूप में रूपांतरण के पात्र होंगे। |
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उन्मोचन मूल्य |
उन्मोचन मूल्य आईबीजेए द्वारा प्रकाशित 999 की शुद्धता वाले सोने के अंतिम मूल्य के पिछले सप्ताह (सोमवार से शुक्रवार) के साधारण औसत के आधार पर भारतीय रुपया में होगा। |
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बिक्री के चैनल |
बॉन्डों की बिक्री वाणिज्यिक बैंकों, भारतीय स्टॉक होल्डिंग निगम लिमिटेड (एससीएचआईएल) और विनिर्दिष्ट डाकघरों (यथा अधिसूचित) और मान्यताप्राप्त शेयर बाजारों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से सीधे या एजेंटों के माध्यम से की जाएगी। |
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ब्याज दर |
निवेशकों को क्षतिपूर्ति आरंभिक मूल्य पर 2.75 प्रतिशत प्रतिवर्ष की निर्धारित दर पर अर्द्धवार्षिक रूप से की जाएगी। |
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संपार्श्विक |
बॉन्डों को ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है। मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) का अनुपात भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेशित साधारण स्वर्ण ऋण के बराबर निर्धारित किया जाएगा। |
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केवाईसी प्रलेखन |
अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदंड वहीं होंगे जो वास्तविक सोने की खरीद के लिए होते हैं। केवाईसी दस्तावेज जैसे मतदाता कार्ड, आधार कार्ड/पैन या टैन/पासपोर्ट जरूरी होंगे। |
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कर उपचार |
आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के उपबंधों के अनुसार स्वर्ण बॉन्ड पर मिलने वाले ब्याज पर कर लगेगा। किसी व्यक्ति को एसजीबी के उन्मोचन पर लगने वाले पूंजी लाभकर में छूट दी गई है। किसी व्यक्ति को बॉन्ड के अंतरण पर दिए जाने वाले दीर्घकालिक पूंजी लाभ में सूचकांकन लाभ प्रदान किए जाएंगे। |
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विक्रेयता |
बॉन्ड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित तारीख को निर्गम से एक पखवाड़े के भीतर शेयर बाजारों/एनडीएस-ओएम में विक्रेय होगें। |
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एसएलआर पात्रता |
बांड सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के लिए पात्र होंगे। |
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कमीशन |
बॉन्ड के वितरण के लिए कमीशन प्राप्तकर्ता कार्यालयों द्वारा प्राप्त कुल अभिदान की राशि पर 1 प्रतिशत की दर से अदा किया जाएगा और इस प्रकार से प्राप्त कम से कम 50 प्रतिशत कमीशन एजेंटों और उप एजेंटों के साथ साझा किया जाएगा जिनके माध्यम से कारोबार किया गया हो। |
यह विदित है कि माननीय वित्त मंत्री ने धातु सोना खरीदने के विकल्प के रूप में एक वित्तीय संपत्ति, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड विकसित करने के बारे में केंद्रीय बजट 2015-16 में घोषणा की थी। तदनुसार, 2015-16 और 2016-17 के दौरान अब तक चार ट्रैन्च जारी किए गए हैं।