31 जुलाई 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जुलाई 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंडों पर जारी दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ₹ 10 मिलियन का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(i) के साथ पठित धारा 47 ए(1) (सी) के उपबंधों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक ने निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आर्थिक दण्ड लगाया है।
यह प्रक्रिया विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका अभिप्राय बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर जोर देने का नहीं है।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कुछ खातों में भारी नकद निकासी के बारे में शिकायत प्राप्त की थी। इस संबंध में प्राप्त दस्तावेजों की जांच के बाद ,बैंक को नोटिस जारी किया गया था कि वह कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के गैर-अनुपालन के लिए दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।
बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक साक्ष्य, साथ ही साथ अतिरिक्त जानकारी और दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरबीआई दिशानिर्देशों के गैर-अनुपालन का उक्त आरोप प्रमाणित हो गया हैं तथा आर्थिक दण्ड लगाना आवश्यक है।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/295 |