5 मार्च 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन ओवरसीज़ बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 27 फरवरी 2018 को इंडियन ओवरसीज़ बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों पर जारी निदेशों का अनुपालन नहीं करने पर ₹ 20 मिलियन का मौद्रिक दंड लगाया था। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों/दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47क(1)(ग) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए लगाया गया।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका बैंक द्वारा उसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर निर्णय का इरादा नहीं है।
पृष्ठभूमि
इंडियन ओवरसीज़ बैंक की एक शाखा में धोखाधड़ी का पता चला। बैंक की आंतरिक निरीक्षण रिपोर्ट सहित दस्तावेजों की जांच से अन्य बातों के साथ-साथ पता चला कि अपने ग्राहक को जानिए (केवासी) मानदंडों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया। दस्तावेजों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उन्हें सूचित किया गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का पालन न करने पर उन पर दंड क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। बैंक के उत्तर, सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्तुत की गई दलीलों, अतिरिक्त जानकारी और प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई के निदेशों/दिशानिर्देशों का पालन न करने के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इस कारण से मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है।
जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/2355 |