31 अगस्त 2018
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भीलवाड़ा महिला अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि.,
भीलवाड़ा, राजस्थान का लाइसेंस रद्द किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 अगस्त 2018 के आदेश से भीलवाड़ा महिला अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., भीलवाड़ा, राजस्थान को बैंकिंग कारोबार संचालित करने के लिए दिए गए लाइसेंस को रद्द किया है। इस आदेश को दिनांक 31 अगस्त 2018 के कारोबार की समाप्ति से प्रभावी किया गया। सहकारी सोसाइटी के पंजीयक(आरसीएस), राजस्थान से बैंक के कारोबार को समाप्त करने और बैंक के लिए परिसमापक नियुक्त करने हेतु अनुरोध किया गया है।
भारतीय रि़ज़र्व बैंक ने इस बैंक के लाइसेंस को रद्द किया है क्योंकि :
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बैंक के पास पर्याप्त पूंजी संरचना और आय की संभावना उपलब्ध नहीं है। अत: यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।
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बैंक अपने वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं को, उनके द्वारा दावे किए जाने पर, पूर्ण रूप से भुगतान करने की स्थिति में नहीं है, अत: बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित 22 (3)(ए) धारा 56 में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है।
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बैंक द्वारा की जाने वाली गतिविधियां वर्तमान और भावी जमाकर्ताओं के हित के लिए प्रतिकूल है अत: बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22 (3) (बी) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन नहीं करता है।
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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 22(3)(ई) में विनिर्दिष्ट अनुसार बैंकिंग की अनुमति प्रदान करने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा, बल्कि बैंकिंग कारोबार जारी रखने से सार्वजनिक हित के लिए प्रतिकूल पडेगा।
लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप में भीलवाड़ा महिला अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., भीलवाड़ा, राजस्थान को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित “बैंकिंग” कारोबार, जिसमें जमाराशि स्वीकार करना और अदा करना भी शामिल है, करने की अनुमति तत्काल प्रभाव से समाप्त / रद्द की जाती है ।
लाइसेंस रद्दीकरण के बाद और परिसमापन के कार्य शुरू होने के अनुक्रम में भीलवाड़ा महिला अर्बन को-ओपरेटिव बैंक लि., भीलवाड़ा, राजस्थान के जमाकर्ताओं को डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के अनुसार राशि अदा की जाने वाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। परिसमापन के दौरान प्रत्येक जमाकर्ता सामान्य नियम व शर्तों के अधीन निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से रु.1,00,000/- (एक लाख रुपये मात्र) तक की जमा राशि प्राप्त करने के लिए हकदार होगा।
अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता
प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/521 |