10 मई 2019 बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35ए के अंतर्गत निर्देश-
मिल्लथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावनगेरे जिला, कर्नाटक
जनता की सूचना के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उपधारा (1) के तहत निहित शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मिल्लथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावनगेरे जिला, कर्नाटक को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत 08 मई 2019 को कारोबार बंद होने के बाद, उपरोक्त बैंक आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी ऋण और अग्रिम न तो प्रदान करेगा, न उसका नवीनीकरण करेगा तथा कोई भी निवेश नहीं करेगा, किसी प्रकार की देयता नहीं उत्पन्न करेगा, जिसमें निधियों का उधार लेना और जमा की स्वीकृति भी शामिल है, अपनी देयताओं और दायित्वों के निर्वहन में या अन्यथा किसी तरह का भुगतान नहीं करेगा एवं न उसके लिए सहमति देगा, अपनी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय, अंतरण या अन्यथा किसी भी प्रकार निपटान नहीं करेगा सिवाय उस तरह से जैसा रिज़र्व बैंक के 26 अप्रैल, 2019 के उन निर्देशों में अधिसूचित किया गया है जिसकी एक प्रति जनता के लिए बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है । विशेष रूप से, प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य डिपॉजिट खाते में कुल बैलेंस के ₹ 1000/-(एक हजार केवल) तक आरबीआई निर्देशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन आहरण की अनुमति दी जा सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त निर्देशों के जारी किए जाने को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।
शैलजा सिंह
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2650 |