22 फरवरी 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हनमसागर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हनमसागर, कर्नाटक
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा हनमसागर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हनमसागर, कर्नाटक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "धोखाधड़ी-वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर मास्टर परिपत्र" और "एक्सबीआरएल-एफएमआर प्रस्तुति पर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग, एफएमआर 2 को बंद करना और एफएमआर-3 की शुरुआत" संबंधी निदेशों के साथ पठित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग पद्धति में परिवर्तन" संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने निर्धारित समय सीमा के भीतर भारतीय रिज़र्व बैंक को धोखाधड़ी के एक मामले की सूचना नहीं दी। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(श्वेता शर्मा)
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1920 |