Download
the hindi
font
 
   हमारा परिचय     उपयोग सूचना     अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न     वित्तीय शिक्षण     शिकायतें   अन्य संपर्क     अतिरिक्त विषय 
Home >> PressReleases - Display
Note : To obtain an aligned printout please download the (353.00 kb ) version to your machine and then use respective software to print the story.
Date: 14/11/2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जयनगर मोज़िलपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल पर मौद्रिक दंड लगाया

14 नवंबर 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जयनगर मोज़िलपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 नवंबर 2024 के आदेश द्वारा दि जयनगर मोज़िलपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पश्चिम बंगाल (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधर (पीएसएल) - लक्ष्य और वर्गीकरण' संबंधी कतिपय निदेशों और पीएसएल की लक्ष्य प्राप्ति में कमी के कारण सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई) पुनर्वित्त निधि में योगदान करने संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए 6.34 लाख (छह लाख चौंतीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने विशिष्ट निदेशों के माध्यम से बैंक को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएसएल लक्ष्य प्राप्ति में कमी के एवज में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा प्रशासित एमएसई पुनर्वित्त कोष में एक नियत राशि जमा करने का निर्देश दिया था। नियत राशि जमा करने में विफलता के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक चेतावनी पत्र भी जारी किया गया, जिसमें बैंक को अपेक्षित राशि जमा करने हेतु सूचित किया गया लेकिन बैंक यह राशि जमा करने में विफल रहा। उपर्युक्त अननुपालन और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त विशेष निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के एवज में निर्धारित समय के भीतर और चेतावनी पत्र जारी करने के बाद भी सिडबी द्वारा प्रशासित एमएसई पुनर्वित्त कोष में नियत राशि जमा करने में विफलता का आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1511

 
   भारतीय रिज़र्व बैंक सर्वाधिकार सुरक्षित

इंटरनेट एक्सप्लोरर 5 और उससे अधिक के 1024 X 768 रिजोल्यूशन में अच्छी प्रकार देखा जा सकता है।