5 जुलाई 2019
रिजर्व बैंक ने बैंकों को एनबीएफसी / एचएफसी से आस्तियों की खरीद के लिए और / या आगे उधार देने के
लिए अतिरिक्त तरलता सुविधा की घोषणा की
जैसा कि 6 जून 2019 को एमपीसी के बाद आयोजित मीडिया सम्मेलन के दौरान स्पष्ट किया गया था, रिजर्व बैंक शीर्ष एनबीएफसी / एचएफसी की निगरानी कर रहा है, जो उनके आकार और क्रेडिट व्यवहार के आधार पर पहचाने जाते हैं। पिछले छह महीनों में, रिज़र्व बैंक ने ओएमओ, मुद्रा स्वैप, एफएएलएलसीआर में चरणबद्ध वृद्धि, आदि के माध्यम से प्रणाली में पर्याप्त तरलता का अंतःक्षेप (इंजेक्शन) किया है। अब एक महीने से अधिक के लिए, प्रणाली में अधिशेष तरलता है। इस बीच, रिजर्व बैंक में एक आंतरिक कार्यदल तरलता प्रबंधन ढांचे की समीक्षा कर रहा है और जुलाई 2019 के मध्य तक उनकी सिफारिशें अपेक्षित हैं।
सरकार ने आज केंद्रीय बजट 2019-20 में निम्नलिखित घोषणा की है:
90. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) उपभोग की मांग को बनाए रखने के साथ-साथ छोटे और मध्यम औद्योगिक क्षेत्र में पूंजी निर्माण में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। एनबीएफसी जो मूल रूप से स्वस्थ हैं, उन्हें बिना किसी अनुचित जोखिम के बैंकों और म्युचुअल फंडों से धन प्राप्त करते रहना चाहिए। वित्तीय रूप से स्वस्थ एनबीएफसी की उच्च-रेटेड समूहित कुल एक लाख करोड़ रुपये की आस्तियों की चालू वित्त वर्ष के दौरान खरीद के लिए, सरकार 10% तक के पहले नुकसान के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकबारगी छह महीने की आंशिक क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी। ......
बैंकों को इस घोषणा को लागू करने और एनबीएफसी / एचएफसी के साथ प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अतिरिक्त जी-सेकंड होल्डिंग्स पर बैंकों को आवश्यक तरलता बैकस्टॉप प्रदान करेगा। इस संबंध में एक परिपत्र अलग से जारी किया जाएगा। उपरोक्त के अलावा, रिजर्व बैंक ने अगस्त और दिसंबर 2019 में एफएएलएलसीआर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला किया है और बैंकों को तत्काल प्रभाव से एनडीआरएल के 1.0 प्रतिशत तक बैंक के एफएएलएलसीआर में वृद्धि की गणना करने की अनुमति दी है ताकि वर्तमान में एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) की बहियों में बकाया क्रेडिट की सीमा से अधिक वृद्धिशील क्रेडिट से वे रुपये 1,34,000 करोड़ की अतिरिक्त तरलता का लाभ उठाने में सक्षम हो जाएँ ।
योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/65 |