24 नवंबर 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुलमुत्तिल फाइनेंसर्स लिमिटेड, कोझेनचेरी, पठानमथिट्टा जिला, केरल
पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 24 नवंबर 2021 के आदेश द्वारा मुलमुत्तिल फाइनेंसर्स लिमिटेड, कोझेनचेरी, पठानमथिट्टा जिला, केरल (कंपनी) पर आरबीआई द्वारा जारी “मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा न स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016” में निहित गैर-निष्पादित आस्तियों के वर्गीकरण संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों तथा एनबीएफसी-डिबेंचर द्वारा निजी नियोजन के माध्यम से धन जुटाने पर आरबीआई के निदेश के अननुपालन के लिए ₹20.00 लाख (बीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का पालन करने में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2018 को मुलमुत्तिल फाइनेंसर्स लिमिटेड की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में उसके सांविधिक निरीक्षण और फरवरी 2018 में की गई जांच से, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने तथा उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/1243 |