आरबीआई/2020-21/59
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.497/02.14.003/2020-21
22 अक्टूबर, 2020
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
प्राधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालक (बैंक और गैर-बैंक)
महोदया / महोदय,
डिजिटल भुगतान लेनदेन - क्यूआर कोड संबंधी बुनियादी ढांचे को व्यवस्थित बनाना
जैसा कि आपको विदित है कि, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में क्विक रिस्पॉन्स (क्यूआर) कोड की वर्तमान प्रणाली की समीक्षा करने और इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को अपनाने के लिए उपायों सुझाने के लिए एक समिति (अध्यक्ष: प्रो दीपक फाटक) का गठन किया था। विभिन्न सिफारिशों वाली समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक टिप्पणियों और प्रतिक्रिया के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर रखा गया था।
2. सिफारिशों और प्राप्त फीडबैक की जांच करने के बाद, निम्नलिखित निर्णय लिया गया है:
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वर्तमान में दो इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड हैं - यूपीआई क्यूआर और भारत क्यूआर – इनका परिचालन यथावत जारी रहेगा ।
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भुगतान प्रणाली परिचालक (पीएसओ) जो प्रोप्राइटरी क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं वे एक या एक से अधिक इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को अपनाएँगे ; माइग्रेशन की यह प्रक्रिया 31 मार्च, 2022 तक पूरी होगी।
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इसके बाद किसी भी भुगतान लेनदेन के लिए पीएसओ द्वारा कोई भी नया प्रोप्राइटरी क्यूआर कोड जारी नहीं किया जाएगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक, फटक कमेटी द्वारा पहचान की गई लाभकारी सुविधाओं को सक्षम करने के लिए इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को मानकीकृत और बेहतर बनाने के लिए एक परामर्शी प्रक्रिया जारी रखेगा।
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पीएसओ इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पहल कर सकते हैं।
3. यह अपेक्षा है कि उपर्युक्त उपायों के कारण स्वीकृति संबंधी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जा सकेगा, इंटरऑपरेबिलिटी के कारण बेहतर उपयोगकर्ता सुविधा प्रदान की जा सकेगी और प्रणाली की कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकेगा।
4. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है।
भवदीय
(पी. वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक |
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