Click here to Visit the RBI’s new website

भुगतान और निपटान प्रणाली

अर्थव्‍यवस्‍था की समग्र दक्षता में सुधार करने में भुगतान और निपटान प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अंतर्गत राशि-मुद्रा, चेकों जैसी कागज़ी लिखतों के सुव्‍यवस्थित अंतरण और विभिन्‍न इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यमों के लिए विभिन्‍न प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं हैं।

अधिसूचनाएं


आवर्ती लेनदेन के लिए ई-मैनडेट का प्रसंस्करण

आरबीआई/2022-23/73
केंका.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस-518/02.14.003/2022-23

16 जून 2022

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक /
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / भुगतान बैंक /
लघु वित्त बैंक / स्थानीय क्षेत्र के बैंक /
गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता / अधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क /
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

महोदया / प्रिय महोदय,

आवर्ती लेनदेन के लिए ई-मैनडेट का प्रसंस्करण

हमारे परिपत्रों डीपीएसएस.केंका.पीडी.सं.447/02.14.003/2019-20 दिनांक 21 अगस्त 2019, डीपीएसएस.केंका.पीडी.सं.1324/02.23.001/2019-20 दिनांक 10 जनवरी 2020, डीपीएसएस.केंका.पीडी.सं.754/02.14.003/2020-21 दिनांक 04 दिसंबर 2020 तथा केंका.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.S34/02-14-003/2020-2021 दिनांक 31 मार्च 2021 का संदर्भ लें। (समग्र रूप से रूप से "ई-मैनडेट ढांचे" के रूप में संदर्भित)। ई-मैनडेट ढांचे द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ कार्ड, प्रीपेड भुगतान उपकरणों और एकीकृत भुगतान इंटरफेस पर ई-मैनडेट/स्थायी निर्देशों के मामले में पहले लेनदेन को संसाधित करते समय प्रमाणीकरण का एक अतिरिक्त कारक (एएफए) निर्धारित किया है। इसके बाद के 5,000/- (एएफए सीमा) तक के लेन-देन के लिए, एएफए के निर्धारण को माफ कर दिया गया था।

2. ई-मैनडेट ढांचे के कार्यान्वयन और ग्राहकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा की समीक्षा पर, उपर्युक्त एएफए सीमा को 5,000/- से बढ़ाकर 15,000/- प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है।

3. यह परिपत्र भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत ज़ारी किया गया है, और तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

भवदीय,

(पी वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक

2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
पुरालेख
Server 214
शीर्ष