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शहरी बैंकिंग

शायद यह भूमिका हमारे कार्यकलापों का सबसे अधिक अघोषित पहलू है, फिर भी यह सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की वित्तीय मूलभूत सुविधा के निर्माण के लिए डिज़ाइन किए गए संस्थानों की स्थापना करना, वहनीय वित्तीय सेवाओं की पहुंच में विस्तार करना और वित्तीय शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

अधिसूचनाएं


भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची - समावेशन के लिए मानदंड

आरबीआई/2023-24/115
विवि.आरईजी/एलआईसी.सं.72/16.05.000/2023-24

17 जनवरी 2024

प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया/महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची - समावेशन के लिए मानदंड

कृपया उपर्युक्त विषय पर 27 सितंबर 2013 का हमारा परिपत्र यूबीडी.सीओ.बीपीडी.(पीसीबी).संख्या 20/16.05.000/2013-14 देखें।

2. 19 जुलाई 2022 को शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचा जारी होने के बाद, विनियामक उद्देश्यों के लिए यूसीबी के संशोधित वर्गीकरण पर दिनांक 01 दिसंबर 2022 का "संशोधित विनियामक ढाँचा - विनियामक उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) का वर्गीकरण" पर परिपत्र विवि.आरईजी.सं.84/07.01.000/2022-23 जारी किया गया है। यूसीबी को वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित (एफएसडब्ल्यूएम) के रूप में वर्गीकृत करने के मानदंड को दिनांक 01 दिसंबर 2022 को "शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित (एफएसडब्ल्यूएम) के रूप में वर्गीकृत करने के मानदंडों की समीक्षा"  पर जारी परिपत्र विवि.आरईजी.सं.85/07.01.000/2022-23 के माध्यम से संशोधित किया गया है।

3. यूसीबी को अब भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल करने के लिए पात्रता मानदंडों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है ताकि उन्हें संशोधित विनियामक ढांचे के अनुरूप बनाया जा सके।

4. इस संबंध में भारत सरकार द्वारा दिनांक 04 सितम्बर 2023 के अधिसूचना एफ.नं.3/16/2023-एसी को भारत के राजपत्र में 23 सितंबर 2023 को प्रकाशित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार, लाइसेंस प्राप्त टियर 3 और टियर 4 प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित शहरी सहकारी बैंकों के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं, वे लगातार दो वर्षों तक टियर 3 शहरी सहकारी बैंक के रूप में वर्गीकरण के लिए आवश्यक न्यूनतम जमा राशि बनाए रखने के अधीन, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उपधारा (6) के खंड (ए) के उप-खंड (iii) के प्रयोजन के लिए पात्र वित्तीय संस्थान होंगे। (प्रति संलग्न)

5. ऐसे पात्र यूसीबी जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें दूसरी अनुसूची में शामिल करने पर विचार किया जाएगा:

(क) यूसीबी पर लागू न्यूनतम सीआरएआर आवश्यकता से कम से कम 3 प्रतिशत अधिक सीआरएआर; एवं

(ख) कोई बड़ी नियामक और पर्यवेक्षी चिंता नहीं ।

6. 5(क) में दी गई जानकारी मूल्यांकन की गई वित्तीय स्थिति और आरबीआई निरीक्षण रिपोर्ट या लेखापरीक्षित वित्तीय विवरणों के निष्कर्षों, जो भी नवीनतम हो, पर आधारित होगी। ऐसे पात्र यूसीबी भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल होने के लिए अपना आवेदन रिज़र्व बैंक के पर्यवेक्षण विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय (मुंबई कार्यालय के अधिकार क्षेत्र के तहत यूसीबी के मामले में, आवेदन पर्यवेक्षण, विभाग, आरबीआई, केंद्रीय कार्यालय को भेजा जाना चाहिए) को निम्नलिखित दस्तावेजों (दो सेट) के साथ जमा कर सकते हैं:  

(क) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करने के लिए आरबीआई को आवेदन करने के लिए वार्षिक सामान्य निकाय/निदेशक मंडल द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रति और इसमें इस संबंध में आरबीआई से पत्राचार करने के लिए अधिकृत बैंक अधिकारियों के नाम वर्णित होंगे; एवं

(ख) पिछले तीन वर्षों की प्रकाशित तुलन पत्र की प्रतियों के साथ बैंक के प्रमुख वित्तीय विवरण।

7. ये अनुदेश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उपधारा (6) के खंड (ए) के तहत जारी किए गए हैं।

8. संशोधित अनुदेश परिपत्र जारी होने की तारीख से लागू होंगे। इस प्रकार 27 सितंबर 2013 का परिपत्र यूबीडी.सीओ.बीपीडी(पीसीबी).संख्या 20/16.05.000/2013-14 निरस्त कर दिया जाएगा।

भवदीय,

(मनोरंजन पाढ़ी)
मुख्य महाप्रबंधक

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